Dosti jab kisi se ki jaye , dushmano ki bhi rai li jaye- Rahat Indauri Ghazal

दोस्ती जब किसी से की जाये
दुश्मनों की भी राय ली जाये

मौत का ज़हर है फ़िज़ाओं में, 
अब कहाँ जा के साँस ली जाये

बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ, 
ये नदी कैसे पार की जाये



मेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे, 
आज फिर कोई भूल की जाये

बोतलें खोल के तो पी बरसों, 
आज दिल खोल के भी पी जाये,.,!!!!

Comments

Popular posts from this blog

Angoor ki Beti se mohabbat kar le - Best Urdu Ghazal