Hindi SMS, Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-37

यादो की शाल ओढकर वो आवारा गरदियाँ कुछ यूँ भी गुजारी है हमने दिसम्बर की सर्दियाँ.,.!! आज फिर वो ख़फ़ा है.. खैर...कौन सा ये पहली दफा है.,.!! अरे बददुआये … किसी ओर के लिए रख, मोहब्बत का मरीज हूँ, खुद ब खुद मर जाऊँगा…!! रजाईयां नहीं हैं....उनके नसीब में... गरीब गर्म हौंसले ओढ़कर सो जाते हैं..!! रात भर महका कमर मेरा मोगरे की ख़ुश्बू से बहुत दिनों बाद मेरे ख्वाबों में तुम आये थे...!! ए दिसंबर तू भी मेरे जैसा ही है, आख़िरी में आता है सबको ख़याल तेरा,.,!! कौन कहता है वक़्त मरता नहीं हमने सालों को ख़त्म होते देखा दिसंबर में,.,!! याद-ए-यार का मौसम और सर्द हवाओं का आलम ऐ दिल जरा सम्हल के दिसंबर जा रहा है,.,!! ऐ दिल! चुप हो जा बस बहस ना कर उसके बिना साल गुजर गया "दिसंबर और गुजर जाने दे,.,!! काश के कोई मेरा अपना सम्भाल ले मुझको, बहुत थोड़ा रह गया हूँ में भी दिसंबर की तरह,.,!! एक और ईंट गिर गई दीवार-ए-जिंदगी से: नादान कह रहे हैं, नया साल मुबारक हो.,.!! तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया,.,!! वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इसकी भी आदमी सी है..!! ये साल ...